मतदाताओं से धोखा - जनता जनार्दन बटन दबाकर ज़वाब ज़रूर देगी - Dainik Samtadoot

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21 October 2023

मतदाताओं से धोखा - जनता जनार्दन बटन दबाकर ज़वाब ज़रूर देगी




 पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में विस्फोटक खुलासा - मतदाता और देश स्तब्ध!


कैश फॉर क्वेरी मामले में बिजनेसमैन द्वारा चार पुष्टों के हलफ़नामे में खुलासे से मतदाताओं सहित लोकतंत्र पर कुठाराघात - जनता वोट देकर ज़वाब देगी - एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनांनीं गोंदिया


गोंदिया - नवरात्रा घट स्थापना के प्रथम दिन 15 अक्टूबर 2023 को देर शाम एक सांसद ने उसको सुप्रीम कोर्ट के एक वकील से मिले तथ्यों के आधार पर उन्होंने स्पीकर को पत्र लिखकर, स्पीकर से मांग की कि जांच के लिए कमेटी बनाई जाए और उन्हें सदन से निलंबित किया जाए। स्पीकर को री-इमरजेंस ऑफ नेस्टी कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट टाइटल से चिट्ठी लिखी है। इसमें विशेषाधिकारों के गंभीर उल्लंघन, सदन के अपमान और आईपीसी की धारा 120 ए के तहत आपराधिक केस की बात कही थी। अपने लैटर के साथ एक एडवोकेट की चिट्ठी भी लगाई थी। इसमें लिखा था, ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने मेहनत से रिसर्च की है, जिसके आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि हाल तक उन्होंने संसद में कुल 61 में से करीब 50 प्रश्न पूछे। इनमें बिज़नेसमेन और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें कायम रखने के इरादे से जानकारी मांगी गई थी। लोकसभा सांसद ने एक आचार संहिता समिति को मामले की जांच सौंपी। संसदीय समिति ने सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वकील को 26 अक्तूबर को उस आरोपी संसद सदस्य के खिलाफ सवाल पूछने के बदले धन लेने की शिकायत पर मौखिक साक्ष्य के लिए बुलाया है। दरअसल, उस वकील द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर संसद सदस्य ने उसकी शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से की थी इसके साथ ही उन्होंने उसे आरोपित संसद को भी मौखिक बयान के लिए बुलाया है। इसके लिए समिति ने उनको पत्र लिखा है। इस बीच उन सांसद महिला ने सांसद महोदय वकील और कई सोशल मीडिया मंचों तथा मीडिया प्रतिष्ठानों को उनके खिलाफ कोई भी कथित फर्जी और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने, प्रसारित करने या प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजाखटखटाया है।परंतु इस पर आज 19अक्टूबर 2023 को देर रात एक शाब्दिक विस्फोटक जानकारी मीडिया में आई है कि मामले में सहलग्न एक प्रसिद्ध बिजनेसमैन द्वारा सांसद से सवाल पूछनें के बदले में महंगी विलासिता वस्तुएं गिफ्ट बंगले का रिनोवेशन ट्रैवलिंग एलाउंस और आर्थिक मदद करना कबूल किया है, उन्होंने चार पृष्ठों के हलफनामे में यह बातें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आए पत्र में कही है, जिससे पूरी दुनियां सहित भारतीय नागरिक भी अत्यंत गहराई के सदमें में आकर स्तब्ध हैं कि  एक जनता का प्रतिनिधि किस तरह जनता जनार्दन के विश्वास को चंद कागजों और सुविधाओं के लिए बेच देता है क्योंकि यह उसे बिजनेसमैन का हलफनामा उस संसद की मुश्किलें बड़ा सकता है और मतदाताओं के विश्वास पर विश्वास घात है। इसलिए आज हम मीडियम में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, कैश फॉर क्वेरी मामले में बिजनेसमैन के चार पुष्ठिय हलफनामें के विस्फोटक खुलासे से मतदाताओं सहित लोकतंत्र पर कुठाराघात है, जनता जवाब जरूर देगी। 

साथियों बात अगर हम इस मामले में संबंधित बिजनेसमैन  द्वारा विस्फोटक खुलासे की करें तो, सांसद महिला सदस्य  को कैश फॉर क्वेरी विवाद में एक बड़ा झटका लगा है।दरअसल उनपर आरोप है कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के लिए एक व्यवसायी से रिश्वत ली थी। अब इस मामले में रियल एस्टेट अरबपति का बेटा सरकारी गवाह बन गया हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल पूछने के लिए महिला संसद सदस्य की संसदीय लॉगिन का इस्तेमाल किया था। उनका बयान महिला संसद सदस्य की तरफ से सत्ताधारी पार्टी के सांसद के  खिलाफ दायर मानहानि मामले में शुक्रवार को सुनवाई से पहले आया है। व्यवसायी ने गुरुवार को स्वीकार किया कि उन्होंने उद्योगपति अडानी के बारे में सरकार से सवाल पूछने के लिए लोकसभा सदस्या के संसदीय लॉगिन क्रेडेंशियल का इस्तेमाल किया। हालांकि, महिला संसद सदस्य ने कारोबारी के दावों को खारिज किया। उन्‍होंने कहा कि सरकार के दबाव में यह बयान दिया है। सरकार ने उनके कारोबार को बंद करने की धमकी दी है। स्पीकर ने इसे संसद की आचार समिति के पास भेज दिया। कारोबारी ने एक बयान जारी कर कहा है कि ये दोनों पत्र उनके संज्ञान में आए हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों चिट्ठियों के आधार पर कई मीडिया रिपोर्ट्स बनी हैं जिनमें उनका नाम प्रमुखता से आया है, ऐसे में वो इस प्रकरण को करीब से देख रहे हैं। उन्होंने एक एफेडेविट के माध्यम से कहा है कि उनकी जानकारी में इससे संबंधित जो भी तथ्य हैं उन्हें वो रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि वो 2017 में आयोजित बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के समय से इस महिला संसद सदस्य को जानते हैं। मामले को संसद की एथिक्स कमेटी के पास भेजा गया है। अब बिजनेसमैन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सांसद से जल्द नाम कमाना चाहती थीं। इस कारण उनके दोस्तों ने उन्हें पीएम पर निजी हमले की सलाह दी। पीएम  के खिलाफ कोई भी इल्जाम नहीं था इसलिए उन्होंने किसी भी तरह से उनकी इमेज को डैमेज करने का फैसला किया। उनको लगा कि वो अडानी के जरिए पीएम पर अटैक कर सकती हैं क्योंकि दोनों गुजरात से आते हैं। बिजनेसमैन ने ये भी माना की संसद ने उनसे महंगे गिफ्ट लिए, बंगले का रेनोवेशन करवाया और ट्रैवल के बिल भरवाए। ग्रुप के सीईओ ने इस बात का भी खुलासा किया कि उन्होंने अडानी के खिलाफ महिला संसद सदस्य कोजानकारी दी, सवाल लिखकर दिए और वो सवाल उन्होंने संसद में पूछे।इसके अलावा महिला संसद सदस्य ने उन्हें अपना पार्लियामेंट कालॉगिन और पासवर्ड तक दे दिया था। बिजनेसमैन ये भी माना कि महिला के नाम से उन्होंने अडानी के खिलाफ संसद में सवालों को पोस्ट किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि महिला सांसद महत्वाकांक्षी हैं, जिन्होंने कई मांगें की थीं। व्यापारी ने उन्हें पूरा भी किया। हलफनामे में यह भी फरमाया गया है कि आर्थिक मदद करना शामिल है। उनके मुताबिक, वे उन्हें नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकते थे। उन्होंने कहा-कई बार मुझे लगा कि वह मेरा अनुचित फायदा उठा रही हैं और मुझ पर उन चीजों को करने के लिए दबाव डाल रही है जो मैं नहीं करना चाहता था, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। 

साथियों बातें कर हम इस मामले को समझने की करें तो, सत्ताधारी पार्टी के सांसद ने टीएमसी की लोकसभा सांसद  पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर यह गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वकील के पत्र का हवाला देते हुए जांच की मांग की थी।लोकसभा अध्यक्ष  को लिखे पत्र में सांसद ने टीएमसी सांसद पर सदन में सवाल पूछने के नाम पर घूस लेने का आरोप लगाया था। उन्होंने लिखा कि ये सदन की अवमानना है। इस पूरे मामले की तत्काल जांच होनी चाहिए। पत्र में कहा, मुझे अधिवक्ता का एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्हों ने उनपर सवाल के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। संसद ने पत्र में लिखा है कि एक प्रसिद्ध बिजनेसमैन के बिजनेस हितों को ध्यान में रखते हुए सवाल पूछे गए थे। पत्र में लिखा कि महिला संसद के हालिया 61 सवालों में से 50 सवाल ऐसे हैं, जो बिजनेसमैन और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए पूछे गए हैं।टीएमसी सांसदों को चिल्लाने वाली ब्रिगेड बताया था।अपने पत्र में सांसद ने लिखा कि जब भी संसद सत्र होता है तो महिला संसद और रॉय किसी न किसी बहाने, हर किसी के साथ दुर्व्यवहार करके सदन की कार्यवाही को बाधित करते हैं। महिला संसद के नेतृत्व वाली पार्टी की ‘चिल्लाने वाली ब्रिगेड’ ऐसी रणनीति क्यों अपनाती है, जो मुद्दों पर बहस करने और चर्चा करने के अन्य सदस्यों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। आगे लिखा कि अब लोकसभा में प्रश्न पूछने के बदले एक व्यवसायी से धन जुटाने और दूसरे व्यावसायिक समूह को निशाना बनाने की महिला संसद की मंशा का पर्दाफाश हो गया है। 



अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मतदाताओंसे धोखा -जनता जनार्दन बटन दबाकर ज़वाब ज़रूर देगी।पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में विस्फोटक खुलासा - मतदाता और देश स्तब्ध!कैश फॉर क्वेरी मामले में बिजनेसमैन द्वारा चार पुष्टों के हलफ़नामे में खुलासे से मतदाताओं सहित लोकतंत्र पर कुठाराघात - जनता स्तब्ध - जनता वोट देकर ज़वाब देगी।


- संकलनकर्ता

लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार 

एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी

गोंदिया महाराष्ट्र- मोबा: 9284141425

संकलन:

समता न्यूज नेटवर्क,श्रीरामपूर - 9561174111 




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